PUNJAB KESARI NEWS
नई दिल्ली: दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन फ्रीडम 251 का एक बड़ा झूठ सामने आया है। आज इस कंपनी का सारा सच सरकार के सामने आ गया है। दरअसल, फ्रीडम 251 देने के नाम पर लाखों लोगों को धोखा देने के साथ-साथ इसने मोदी सरकार की मेड इन इंडिया कार्यक्रम की छवि को भी नुकसान पहुंचाया। संचार मंत्रालय के तहत आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव राजीव बंसल के सामने आज रिंगिंग बेल्स के तमाम बड़े अधिकारियों ने अपनी कंपनी की भावी कारोबारी 'प्लान' को पेश किया।
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मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक कंपनी की तरफ से जो प्लान पेश किया गया वह किसी भी तरीके से एक गंभीर कंपनी का काम नहीं लगता। सबसे पहले तो कंपनी ने यह स्वीकार किया कि उसने अपने उत्पाद के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की आवश्यक अनुमति भी नहीं ली। इसके अभाव में कंपनी किस तरह से लोगों को न सिर्फ फोन बेचने का वादा किया है बल्कि बड़े पैमाने पर बुकिंग की और विज्ञापन भी दिए। इसकी आगे जांच की जाएगी।
इसके बाद कंपनी ने यह भी माना कि वह फिलहाल भारत में इस फोन को बनाने नहीं जा रही है। कंपनी की योजना पहले 50 लाख फोन आयात करने की है। उसके बाद कंपनी इसका निर्माण करेगी। याद दिला दें कि कंपनी के विज्ञापन लगातार यह दावा करते रहे हैं 'फ्रीडम 251' भारत निर्मित मोबाइल फोन है। कंपनी की तरफ से जो आमंत्रण पत्र भेजे गए थे उसमें भी इस बात का जिक्र था।
सरकारी अधिकारियों ने जब यह पूछा कि फोन की इतनी सस्ती कीमत कैसे रखी गई है तो कंपनी ने बताया कि उनकी कई कंपनियों के साथ कमर्शियल समझौते हो चुके हैं। इसके तहत तमाम कंपनियों को अपने उत्पाद इस फोन के जरिए बेचने की अनुमति होगी। इससे कंपनी को राजस्व हासिल होगा जिससे वह फोन की कीमत कम रखने में सफल होगी। कंपनी ने यह भी बताया है कि उसे 30 हजार ग्राहकों से बुकिंग कीमत प्राप्त हुई है। इस राशि को एक अलग खाते में जमा किया गया है।
नई दिल्ली: दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन फ्रीडम 251 का एक बड़ा झूठ सामने आया है। आज इस कंपनी का सारा सच सरकार के सामने आ गया है। दरअसल, फ्रीडम 251 देने के नाम पर लाखों लोगों को धोखा देने के साथ-साथ इसने मोदी सरकार की मेड इन इंडिया कार्यक्रम की छवि को भी नुकसान पहुंचाया। संचार मंत्रालय के तहत आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव राजीव बंसल के सामने आज रिंगिंग बेल्स के तमाम बड़े अधिकारियों ने अपनी कंपनी की भावी कारोबारी 'प्लान' को पेश किया। SUBSCRIBE @gurubhaigrb HIPHOP RAP MUSIC #clickhere
मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक कंपनी की तरफ से जो प्लान पेश किया गया वह किसी भी तरीके से एक गंभीर कंपनी का काम नहीं लगता। सबसे पहले तो कंपनी ने यह स्वीकार किया कि उसने अपने उत्पाद के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की आवश्यक अनुमति भी नहीं ली। इसके अभाव में कंपनी किस तरह से लोगों को न सिर्फ फोन बेचने का वादा किया है बल्कि बड़े पैमाने पर बुकिंग की और विज्ञापन भी दिए। इसकी आगे जांच की जाएगी।
इसके बाद कंपनी ने यह भी माना कि वह फिलहाल भारत में इस फोन को बनाने नहीं जा रही है। कंपनी की योजना पहले 50 लाख फोन आयात करने की है। उसके बाद कंपनी इसका निर्माण करेगी। याद दिला दें कि कंपनी के विज्ञापन लगातार यह दावा करते रहे हैं 'फ्रीडम 251' भारत निर्मित मोबाइल फोन है। कंपनी की तरफ से जो आमंत्रण पत्र भेजे गए थे उसमें भी इस बात का जिक्र था।
सरकारी अधिकारियों ने जब यह पूछा कि फोन की इतनी सस्ती कीमत कैसे रखी गई है तो कंपनी ने बताया कि उनकी कई कंपनियों के साथ कमर्शियल समझौते हो चुके हैं। इसके तहत तमाम कंपनियों को अपने उत्पाद इस फोन के जरिए बेचने की अनुमति होगी। इससे कंपनी को राजस्व हासिल होगा जिससे वह फोन की कीमत कम रखने में सफल होगी। कंपनी ने यह भी बताया है कि उसे 30 हजार ग्राहकों से बुकिंग कीमत प्राप्त हुई है। इस राशि को एक अलग खाते में जमा किया गया है।
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